Physics GK Quiz, Physics GK (general knowledge) multiple choice questions (MCQs) with answers in Hindi, Samanya gyan ke prashn (प्रश्नोत्तरी 02): अगर आप किसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो जनरल नॉलेज को अच्छी करना ( या अच्छी तरह से याद रखना ) बेहद जरूरी है । तो चलिए जानते हैं कौन-से सवाल जो आएंगे आपके काम –
सभी प्रश्नों के उत्तर याद करना सभी के लिए लगभग असंभव है, आज हम आपको बता रहे हैं उन सभी खास प्रश्नों को उनके उत्तर के साथ जो प्रतियोगी परिक्षाओं से लेकर जॉब इंटरव्यू में ज्यादातर पूछे जाते हैं । अगर आपको इन प्रश्नों के उत्तर पता हैं तो आपकी मुश्किलें हल हो जाएंगी ।
1. दर्पण के वृत्ताकार चाप को दर्पण का क्या कहा जाता है?
(A) फोकस
(B) ध्रुव
(C) द्वारक
(D) इनमें से कोई नहीं
(C) द्वारक
दर्पण के परावर्तक तल के व्यास को दर्पण का द्वारक कहते हैं। किसी भी दर्पण के वृत्ताकार चाप को उस दर्पण का द्वारक कहा जाता है।
गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच की दूरी फोकस दूरी कहलाती है। इसे अक्षर द्वारा निरूपित करते हैं। गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ अधिकांशतः गोलीय ही होता है | इस पृष्ठ की एक वृत्ताकार सीमा रेखा होती है। गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ की इस वृत्ताकार सीमारेखा का व्यास, दर्पण का द्वारक (aperture) कहलाता है।
2. सोलर कुकर के लिए कौन सा दर्पण सर्वाधिक उपयुक्त होता है?
(A) अवतल दर्पण
(B) उत्तल दर्पण
(C) समतल दर्पण
(D) इनमें से कोई नहीं
(A) अवतल दर्पण
सोलर कुकर: यह एक ऐसा उपकरण है जो सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग भोजन को गर्म करने या पकाने के लिए करता है। अवतल दर्पण वह दर्पण है जिसकी परावर्तक सतह वक्रता के केंद्र की ओर होती है। इसे एक अभिसारी दर्पण के रूप में भी जाना जाता है।
3. रोगियों के नाक, कान, गले आदि की जाँच के लिए डॉक्टर किस दर्पण का उप्रयोग करते है?
(A) समतल दर्पण
(B) उत्तल दर्पण
(C) अवतल दर्पण
(D) इनमें से कोई नहीं
(C) अवतल दर्पण
जब वस्तु वक्रता और फोकस के केंद्र के बीच या अवतल दर्पण के फोकस और ध्रुव के बीच होती है, तो बनने वाली छवि आभासी, सीधी और आवर्धित होती है। इसलिए, डॉक्टर आंखें, कान, नाक और गले की जांच करने के लिए अवतल दर्पण का उपयोग करते हैं, क्योंकि बनने वाली छवि बड़ी होती है और डॉक्टर को बेहतर दृष्टिकोण प्रदान करती है।
4. हीरा का अपवर्तनांक कितना है?
(A) 1.77 है
(B) 1.47 है
(C) 1.44 है
(D) 2.42 है
(D) 2.42 है
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है, इसका अर्थ यह है कि इसका क्रांतिक कोण 24° के लगभग होता है। अतः हीरे के भीतर ऐसी अनेक किरणें अधिक पहुँचती हैं जिनके लिए आपतन कोण, क्रांतिक कोण से बड़ा होता है। ये किरणें अनेक बार हीरे के भीतर परावर्तित होकर दर्शक के पास पहुँचती हैं और हीरा अधिक चमकदार दिखाई देता है।
5. मोटर गाड़ी में चालक के सामने कौन सा दर्पण लगा रहता है?
(A) अवतल दर्पण
(B) समतल दर्पण
(C) उत्तल दर्पण
(D) अन्य
(C) उत्तल दर्पण
मोटर गाड़ी में चालक के सामने उत्तल दर्पण लगा रहता है।
उत्तल दर्पण कार के साइड मिरर और कार के रियर व्यू मिरर उत्तल दर्पणों से बने होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उत्तल दर्पण द्वारा बनाई गई छवि कम हो जाती है और खड़ी छवि होती है, इस प्रकार यह दृश्य का एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करता है। दृश्य का एक बड़ा क्षेत्र ड्राइवर को पीछे के ट्रैफ़िक के बारे में बेहतर जानने में मदद करता है।
एक उत्तल दर्पण को एक अलग दर्पण के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह दर्पण प्रकाश को अलग करता है जब वे इसकी परावर्तित सतह पर हमला करते हैं। आभासी, सीधा, और कम छवियों को हमेशा उत्तल दर्पण के साथ बनाया जाता है, भले ही वस्तु और दर्पण के बीच की दूरी की परवाह किए बिना।
6. टॉर्च से किस प्रकार के प्रकाश पुंज की प्राप्ति होती है?
(A) समांतर प्रकाश किरण पुंज
(B) अपसारी प्रकाश किरण पुंज
(C) अभिसारी प्रकाश किरण पुंज
(D) सभी कथन सत्य है
(B) अपसारी प्रकाश किरण पुंज
एक ही दिशा में जाने वाले प्रकाश किरण के समूह को प्रकाश किरण पुंज कहा जाता है।
अभिसारी (Convergent beam of light) : यदि प्रकाश की सभी किरणे एक ही बिंदु पर मिलती है। उसे ही अभिसारी प्रकाश किरण पुंज कहा जाता है।
अपसारी (Divergent beam of light) : यदि प्रकाश की सभी किरणें किसी एक बिंदु से आती हुई प्रतीत हो रही हो तो उसे ही अपसारी प्रकाश किरण पुंज जाता है।
समांतर (Parallel of light) : यदि प्रकाश की सभी किरणें आपस में कभी ना मिलती हो और सदैव एक दूसरे से समांतर रहती हो तो उसे ही समांतर प्रकाश किरण पुंज कहा जाता है।
7. सामान्य नेत्र के रेटिना पर बनने वाला प्रतिबिंब कैसा होता है?
(A) आभासी और सीधा
(B) वास्तविक और सीधा
(C) वास्तविक और उल्टा
(D) आभासी और उल्टा
(C) वास्तविक और उल्टा
सामान्य नेत्र के रेटिना पर बनने वाला प्रतिबिंब वास्तविक और उल्टा होता है। यह आंख में उत्तल लेंस की उपस्थिति के कारण होता है।
उत्तल लेंस किनारों पर पतले तथा बीच में मोटे होते है। इन्हे अभिसारी लेंस भी कहते है। क्योंकि ये प्रकाश किरणों को किसी एक बिंदु पर अभिसरित अर्थात इकट्ठा कर देता है। उत्तल लेंस में वस्तु का प्रतिबिंब वास्तविक, आभासी, उल्टा बनता हैं।
8. नेत्र लेंस में समायोजन की क्रिया कैसे होती है?
(A) आयरिस द्वारा
(B) नेत्र लेंस द्वारा
(C) सिलिअरी मांसपेशियों द्वारा
(D) कॉर्निया द्वारा
(C) सिलिअरी मांसपेशियों द्वारा
अलग-अलग दूरी की वस्तुओं को समायोजित करने के लिए लेंस के आकार को समायोजित करने वाली मांसपेशियां सिलिअरी मांसपेशियां कहलाती हैं।
हम सिलिअरी मांसपेशियों के संकुचन और विश्राम क्रिया के माध्यम से नेत्र लेंस की वक्रता को संशोधित कर सकते हैं। संशोधित वक्रता लेंस की फोकल लंबाई को बदल देती है। जब सिलिअरी मांसपेशियों को आराम दिया जाता है, तो लेंस झिल्ली पतली हो जाती है जिससे इसकी फोकल लंबाई बढ़ जाती है। इस प्रकार हम दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
9. किसी नेत्र का निकट बिंदु कितनी दूरी पर होता है?
(A) 2.5 cm
(B) 25 cm
(C) 2.5 m
(D) 3 m
(B) 25 cm
वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी वस्तु बिना किसी तनाव के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है उसे नेत्र का निकट बिंदु कहते हैं। किसी सामान्य दृष्टि के लिए यह दूरी लगभग 25 cm होती है। सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु अनंत पर तथा निकट बिंदु नेत्र से 25 cm की दूरी पर होते है।
10. आँख की पुतली किस प्रकार कार्य करती है?
(A) परिवर्ती द्वारक की भाँति
(B) दृक तंत्रिका की भाँति
(C) पुतली की भाँति
(D) अन्य
(A) परिवर्ती द्वारक की भाँति
आँख की पुतली परिवर्ती द्वारक की भाँति कार्य करती है जिसके साइज़ को परितारिका की सहायता से बदला जा सकता है। जब प्रकाश अत्यधिक चमकीला होता है तो परितारिका सिकुड़ कर पुतली को छोटा बना देती है जिससे आँख में कम प्रकाश प्रवेश कर सके।
11. सामान्य मानव नेत्र का दूर बिंदु कितनी दूरी पर होता है?
(A) 25 सेमी पर होता है
(B) अनंत पर होता है
(C) 25 मिमी पर होता है
(D) 25 मी पर होता है
(B) अनंत पर होता है
वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी वस्तु बिना किसी तनाव के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है उसे नेत्र का निकट बिंदु कहते हैं। किसी सामान्य दृष्टि के लिए यह दूरी लगभग 25 cm होती है। सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु अनंत पर तथा निकट बिंदु नेत्र से 25 cm की दूरी पर होते है।
12. सिनेमा के पर्दे पर किस प्रकार का प्रतिबिंब बनता है?
(A) आभासी प्रतिबिंब
(B) वास्तविक प्रतिबिंब
(C) दोनों
(D) सभी कथन सत्य है
(B) वास्तविक प्रतिबिंब
सिनेमा के पर्दे पर वास्तविक प्रतिबिंब बनता है।
किसी प्रकाश के स्रोत से निकलने वाली प्रकाश किरण दर्पण से परावर्तित होकर जिस बिंदु पर मिलती है। उसे उस बिंदु स्रोत को वास्तविक प्रतिबिंब कहते है। वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। वास्तविक प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा उल्टा होता है।
13. कौन सा रंग है, जिसका खतरे के सिग्लन में उपयोग होता है?
(A) पीला रंग
(B) बैंगनी रंग
(C) नीला रंग
(D) लाल रंग
(D) लाल रंग
खतरे का संकेत लाल होता है, क्योंकि लाल रंग का तरंगधैर्य सबसे अधिक तथा विचलन सबसे कम होता है। विचलन सबसे कम होने के कारण लाल रंग बहुत अधिक दूरी से भी साफ नजर आता है, जिसके कारण खतरे का संकेत लाल होता है। यह एक नियम है कि जिस रंग की तरंग दैर्ध्य होती है उस का प्रकीर्णन उतना ही कम होता है।
14. किलोवाट घंटा मात्रक क्या है?
(A) आवेश का विद्युत
(B) ऊर्जा का
(C) विभवान्तर विद्युत
(D) शक्ति का
(B) ऊर्जा का
वॉट घंटा या वॉट आवर (बड़ी ईकाई, किलोवॉट घंटा) (संक्षिप्त रूप kW·h, kW h या kWh) ऊर्जा की इकाई है। इसे प्रायः विद्युत ऊर्जा की खपत की मात्रा के मापन हेतु प्रयोग किया जाता है। इसे प्रायः विद्युत बिलों में देखा जाता है। इसे जनसामान्य की भाषा में 'यूनिट' भी कहा जाता है।
1 किलोवाट, 1000 जूल/ सेकण्ड के बराबर होता है। इस आधार पर ऊर्जा का एक मात्रक बनाया गया है जो कि इन्जीनियरिंग में काम आता है। इसे 'किलोवाट घंटा' कहते हैं।
15. विद्युत बल्ब का फिलामेंट किस धातु का बना होता है?
(A) ताँबा का
(B) प्लेटिनम का
(C) टंगस्टन का
(D) इनमें से कोई नहीं
(C) टंगस्टन का
विद्युत बल्ब में एक तार होता है जो टंगस्टन नामक धातु का बना होता है। इसे फिलामेंट या तंतु कहते हैं। परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर तंतु गर्म हो जाता है और तप्त तंतु प्रकाश देना आरंभ कर देता है। टूटे तंतु वाले बल्ब को फ्यूज्ड बल्ब कहते हैं।
टंगस्टन का फिलामेंट इसलिए बनाया जाता है कि इसका गलनांक अत्यधिक उच्च (लगभग `3400^@C` ) होता है। अतः यह बिना गले `2700^@C` का श्वेत-तप्त ताप (white-heat temperature) प्राप्त कर सकता है।