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Physics GK Quiz | MCQs on General Knowledge | Samanya gyan ke prashn (प्रश्नोत्तरी 01)

Physics ke samanya gyan ke prashn 01

Physics GK Quiz, Physics GK (general knowledge) multiple choice questions (MCQs) with answers in Hindi, Samanya gyan ke prashn (प्रश्नोत्तरी 01): अगर आप किसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो जनरल नॉलेज को अच्छी करना ( या अच्छी तरह से याद रखना ) बेहद जरूरी है । तो चलिए जानते हैं कौन-से सवाल जो आएंगे आपके काम – 


सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर याद करना सभी के लिए लगभग असंभव है, आज हम आपको बता रहे हैं उन सभी खास प्रश्‍नों को उनके उत्‍तर के साथ जो प्रतियोगी परिक्षाओं से लेकर जॉब इंटरव्‍यू में ज्‍यादातर पूछे जाते हैं । अगर आपको इन प्रश्‍नों के उत्‍तर पता हैं तो आपकी मुश्‍किलें हल हो जाएंगी ।
 

1. वास्तविक वस्तु का आभासी प्रतिबिंब किस दर्पण में बनता है?

(A) उत्तल दर्पण में

(B) समतल दर्पण से

(C) अवतल दर्पण में

(D) इनमें से सभी

(B) समतल दर्पण से

समतल दर्पण से वास्तविक वस्तु का आभासी प्रतिबिंब बनाता है। 

समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के अभिलक्षण: 

1) प्रतिबिम्ब सीधा व वस्तु के आकार का होता है। 

2) प्रतिबिम्ब आभासी होता है एवं दर्पण के अन्दर बनता है। 

3) बने प्रतिबिम्ब पार्श्व परिवर्तित होते हैं। 

4) दर्पण से वस्तु जितनी दूरी पर होती है, उसका प्रतिबिम्ब दर्पण के अन्दर उतनी ही दूरी पर बनता है।

2. वास्तविक वस्तु का हमेशा सीधा प्रतिबिंब बनाने वाला दर्पण कौन सा होता है?

(A) समतल, उत्तल, अवतल

(B) समतल, अवतल

(C) उत्तल, अवतल

(D) समतल, उत्तल

(D) समतल, उत्तल

समतल दर्पण में हमेशा सीधा प्रतिबिम्ब ही बनता है। 

उत्तल दर्पण में हमेशा ही सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है। 

अवतल दर्पण में जब बिंब की स्थिति ध्रुव और फोकस के बीच होती है, केवल तब सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है। 

अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण गोलीय दर्पण के प्रकार है।

3. वास्तविक प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी होती है?

(A) उल्टा

(B) सीधा

(C) सीधा और उल्टा

(D) इनमें से कोई नहीं

(A) उल्टा

1) वास्तविक प्रतिबिंब :- किसी प्रकाश के स्रोत से निकलने वाली प्रकाश किरण दर्पण से परावर्तित होकर जिस बिंदु पर मिलती है। उसे उस बिंदु स्रोत को वास्तविक प्रतिबिंब कहते है। 

वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। 

वास्तविक प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा उल्टा होता है। 

2) आभासी प्रतिबिंब :- जब किसी प्रकाश के स्रोत से निकलने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तित होकर जिस बिंदु पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं। उसे उस बिंदु स्रोत को आभासी प्रतिबिंब कहते हैं। 

आभासी प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा सीधा बनता है। 

आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

4. वस्तु से छोटा प्रतिबिंब बनाता है?

(A) उत्तल दर्पण

(B) अवतल दर्पण

(C) समतल दर्पण

(D) उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण

(D) उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण

उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण वस्तु से छोटा प्रतिबिंब बनाते हैं, 

1) उत्तल दर्पण ( अपसारी दर्पण ) 

इसे अपसारी दर्पण के रूप में भी जाना जाता है। 

चूंकि यह सभी आपतित किरणों को मुख्य अक्ष के समानांतर मोड़ देता है। 

ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह दूसरी तरफ केंद्र बिंदु पर केंद्रित है। 

उत्तल दर्पण द्वारा बनने वाला प्रत्येक प्रतिबिम्ब आकार में छोटा होता है। किसी भी वास्तविक वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी (वास्तविक नहीं) होता है। 

यह प्रतिच्छेद करता है और दर्पण के दूसरी ओर प्रतिबिम्ब बनाता है। 

2) अवतल दर्पण ( अभिसारी दर्पण ) 

इसे अभिसारी दर्पण के रूप में भी जाना जाता है। 

यदि एक घुमावदार कांच को बाहर से रंगा जाता है, तो आंतरिक भाग परावर्तक बन जाता है जिसे अवतल दर्पण कहा जाता है। 

अवतल दर्पण सभी परावर्तक किरणों को एक बिंदु पर एकत्रित करता है। 

किसी वस्तु की स्थिति के आधार पर छवि उसी तरफ या दूसरी तरफ बनती है। 

अवतल दर्पण के कारण प्रतिबिम्ब का रूप वास्तविक या आभासी हो सकता है। 

बने प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु की स्थिति पर निर्भर करता है।

5. प्रकाश के परावर्तन के नियम के अनुसार -

(A) आपतन कोण परावर्तन कोण से बड़ा है

(B) आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर है

(C) आपतन कोण परावर्तन कोण से छोटा है

(D) सभी कथन सत्य है

(B) आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर है

जब भी प्रकाश की किरण किसी चिकने या पॉलिशदार सतह से टकराता है तो उसका अधिकांश भाग टकराने के बाद उसी माध्यम में वापस लौट जाता है, इस घटना को प्रकाश का परावर्तन (Reflection of Light) कहते हैं। 

परावर्तन के नियम (Law of reflection) : 

1.) प्रकाश की आपतित किरण (Incident ray), परावर्तित किरण (Reflected ray) एवं आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलम्ब (Normal) एक ही समतल में होते हैं। 

2.) परावर्तक सतह पर बना आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है। (∠i = ∠r)

6. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सदा कैसा होता है?

(A) आभासी और उल्टा

(B) वास्तविक और सीधा

(C) सीधा और आभासी

(D) वास्तविक

(C) सीधा और आभासी

समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के अभिलक्षण: 

1) प्रतिबिम्ब सीधा व वस्तु के आकार का होता है। 

2) प्रतिबिम्ब आभासी होता है एवं दर्पण के अन्दर बनता है। 

3) बने प्रतिबिम्ब पार्श्व परिवर्तित होते हैं। 

4) दर्पण से वस्तु जितनी दूरी पर होती है, उसका प्रतिबिम्ब दर्पण के अन्दर उतनी ही दूरी पर बनता है।

7. आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को कौन नियंत्रित करता है?

(A) परितारिका

(B) पुतली

(C) लेंस

(D) पक्ष्माभि पेशियाँ

(A) परितारिका

परितारिका (iris/आइरिस ; बहुवचन : irides या irises)) मानव तथा अधिकांश स्तनधारियों एवं पक्षियों की आँख के भीतर की एक पतली वृत्ताकार संरचना है जिसका काम आँख के तारे (pupil) के व्यास को नियंत्रित करना होता है। इस प्रकार आइरिस, रेटिना पर पहुँचने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।

8. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का आकार कैसा दिखता है?

(A) गोलाकार

(B) घनाकार

(C) अण्डाकार

(D) चपटा

(D) चपटा

वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण से हमें सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का गोला चपटा दिखाई देता है। 

वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण सूर्य हमें वास्तविक सूर्योदय से लगभग 2 मिनट पहले दिखाई देने लगता है तथा वास्तविक सूर्यास्त के लगभग 2 मिनट बाद तक दिखाई देता रहता है।

9. यदि दर्पण में बना प्रतिबिंब हमेशा सीधा, आकार में वस्तु के बराबर है, तो कौन सा दर्पण होगा?

(A) अवतल

(B) उत्तल

(C) समतल

(D) इनमें से कोई नहीं

(C) समतल

समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के अभिलक्षण: 

1) प्रतिबिम्ब सीधा व वस्तु के आकार का होता है। 

2) प्रतिबिम्ब आभासी होता है एवं दर्पण के अन्दर बनता है। 

3) बने प्रतिबिम्ब पार्श्व परिवर्तित होते हैं। 

4) दर्पण से वस्तु जितनी दूरी पर होती है, उसका प्रतिबिम्ब दर्पण के अन्दर उतनी ही दूरी पर बनता है।

10. समतल दर्पण के द्वारा बना प्रतिबिंब क्या होता है?

(A) वास्तविक

(B) काल्पनिक

(C) उल्टा

(D) इनमें से कोई नहीं

(B) काल्पनिक

समतल दर्पण के द्वारा बना प्रतिबिंब काल्पनिक होता है। 

समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के अभिलक्षण: 

1) प्रतिबिम्ब सीधा व वस्तु के आकार का होता है। 

2) प्रतिबिम्ब आभासी होता है एवं दर्पण के अन्दर बनता है। 

3) बने प्रतिबिम्ब पार्श्व परिवर्तित होते हैं। 

4) दर्पण से वस्तु जितनी दूरी पर होती है, उसका प्रतिबिम्ब दर्पण के अन्दर उतनी ही दूरी पर बनता है।

11. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है?

(A) जल

(B) मिट्टी

(C) प्लास्टिक

(D) काँच

(B) मिट्टी

मिट्टी पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि मिट्टी अपारदर्शक है। 

अपारदर्शक माध्यम वे माध्यम है जो प्रकाश की किरणों को अपने में से गुजरने नहीं देते हैं। जैसे मिट्टी, दीवार, लोहे की चादर आदि। इसलिए लेंस बनाने के लिए मिट्टी का इस्तेमाल कभी नहीं किया जा सकता है।

12. उत्तल लेंस की क्षमता क्या होती है?

(A) ऋणात्मक

(B) धनात्मक

(C) शून्य

(D) अन्य

(B) धनात्मक

उत्तल लेंस :- ये लेंस किनारों पर पतले तथा बीच में मोटे होते है। इन्हे अभिसारी लेंस भी कहते है। क्योंकि ये प्रकाश किरणों को किसी एक बिंदु पर अभिसरित अर्थात इकट्ठा कर देता है। उत्तल लेंस में वस्तु का प्रतिबिंब वास्तविक, आभासी, उल्टा बनता हैं। 

लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस बिन्दु के मध्य की दूरी को लेंस की फोकस दूरी कहते है। उत्तल लैंस के लिए फोकस दूरी धनात्मक तथा अवतल लेन्स के लिए ऋणात्मक ली जाती है।

13. लेंस की क्षमता का S.I मात्रक क्या है?

(A) मीटर

(B) (मीटर)^2

(C) डयोप्टर

(D) अन्य

(C) डयोप्टर

लेंस की क्षमता (Power) का एस. आई. मात्रक डायोप्टर (diopter) है, डायोपप्टर (dioptre (uk), या diopter (us)) को D से निरूपित किया जाता है। 

लेंस सूत्र 1/v - 1/u = 1/f है जहां f फोकस दूरी है, u वस्तु की दूरी है, v छवि की दूरी है। 

यदि फोकस दूरी (f) को मीटर में (m) लिया जाता है, तो लेंस की क्षमता डायोप्टर D (dipoter) में व्यक्त की जाती है। 

1 डायोप्टर (dipoter) उस लेंस की क्षमता है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर (meter) हो। 

अत, 1D = 1m

14. पानी से भरी बाल्टी की गहराई कम दिखती है। इसका क्या कारण है?

(A) पूर्ण आंतरिक परावर्तन

(B) अपवर्तन

(C) परावर्तन

(D) इनमें से कोई नहीं

(B) अपवर्तन

पानी से भरी बाल्टी या फिर स्विमिंग पूल के तल की गहराई कम दिखने का कारण प्रकाश का अपवर्तन (Refraction) है। प्रकाश जब एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है तो अपने सीधे रास्ते से विचलित हो कर तिरछा चलने लगता है। इसे प्रकाश का अपवर्तन कहते है। इसी घटना के कारण पानी से आधे भरे गिलास में डूबी पेंसिल या चम्मच मुड़ी हुई दिखाई देती है। 

जब प्रकाश की किरणें बाल्टी या स्विमिंग पूल के तल से चल कर बाहर वायुमंडल में प्रवेश करती हैं तो अपवर्तन के कारण वे अपने सीधे मार्ग से विचलित हो जाती हैं। ऐसी किरणें जब हमारी आंखों में प्रवेश करती हैं तो हमारे मस्तिष्क को यह आभास होता है कि वे किसी ऐसे बिंदु से बन के आ रही हैं जो सीधी रेखा में ही स्थित है और हमारा मस्तिष्क बाल्टी या स्विमिंग पूल के तल को उस बिंदु पर स्थित होता हुआ आभासित करता है। यह आभासित बिंदु, वास्तविक बिंदु के ऊपर स्थित होता है, इसी कारण से बाल्टी या स्विमिंग पूल के तल की गहराई कम प्रतीत होती है।

15. पानी में डाली हुई छड़ी टेढ़ी दिखती है। इसका क्या कारण है?

(A) परावर्तन

(B) अपवर्तन

(C) परावर्तन और अपवर्तन

(D) इनमें से कोई नहीं

(B) अपवर्तन

पानी से भरी बाल्टी या फिर स्विमिंग पूल के तल की गहराई कम दिखने का कारण प्रकाश का अपवर्तन (Refraction) है। प्रकाश जब एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है तो अपने सीधे रास्ते से विचलित हो कर तिरछा चलने लगता है। इसे प्रकाश का अपवर्तन कहते है। इसी घटना के कारण पानी से आधे भरे गिलास में डूबी पेंसिल या चम्मच मुड़ी हुई दिखाई देती है। 

जब प्रकाश की किरणें बाल्टी या स्विमिंग पूल के तल से चल कर बाहर वायुमंडल में प्रवेश करती हैं तो अपवर्तन के कारण वे अपने सीधे मार्ग से विचलित हो जाती हैं। ऐसी किरणें जब हमारी आंखों में प्रवेश करती हैं तो हमारे मस्तिष्क को यह आभास होता है कि वे किसी ऐसे बिंदु से बन के आ रही हैं जो सीधी रेखा में ही स्थित है और हमारा मस्तिष्क बाल्टी या स्विमिंग पूल के तल को उस बिंदु पर स्थित होता हुआ आभासित करता है। यह आभासित बिंदु, वास्तविक बिंदु के ऊपर स्थित होता है, इसी कारण से बाल्टी या स्विमिंग पूल के तल की गहराई कम प्रतीत होती है।

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