Chemistry GK Quiz, Chemistry GK (general knowledge) multiple choice questions (MCQs) with answers in Hindi, Samanya gyan ke prashn (प्रश्नोत्तरी 09): अगर आप किसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो जनरल नॉलेज को अच्छी करना ( या अच्छी तरह से याद रखना ) बेहद जरूरी है । तो चलिए जानते हैं कौन-से सवाल जो आएंगे आपके काम –
सभी प्रश्नों के उत्तर याद करना सभी के लिए लगभग असंभव है, आज हम आपको बता रहे हैं उन सभी खास प्रश्नों को उनके उत्तर के साथ जो प्रतियोगी परिक्षाओं से लेकर जॉब इंटरव्यू में ज्यादातर पूछे जाते हैं । अगर आपको इन प्रश्नों के उत्तर पता हैं तो आपकी मुश्किलें हल हो जाएंगी ।
1. परमाणु भार का अंतर्राष्ट्रीय मानक क्या है?
(A) H-1
(B) N-15
(C) O-16
(D) C-12
(D) C-12
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान या परमाणु भार वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करता है कि उस तत्व का एक परमाणु, कार्बन-12 के एक परमाणु के 1/12 वें भाग से कितना गुना भारी है।
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान इकाई ( AMU या amu ) उसके परमाणु द्रव्यमान का एक माप है। डाल्टन (डीए) या एकीकृत परमाणु द्रव्यमान इकाई (यू) के रूप में भी जाना जाता है, एएमयू परमाणु द्रव्यमान और आणविक द्रव्यमान दोनों को व्यक्त करता है। एएमयू को कार्बन-12 ( 12 सी) के परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें हिस्से के रूप में परिभाषित किया गया है।
2. निम्नलिखित में से किसने आण्विक सिद्धान्त का प्रतिपादित किया था?
(A) जॉन डाल्टन
(B) मैडम क्यूरी
(C) चैडविक
(D) फैराडे
(A) जॉन डाल्टन
जॉन डाल्टन (6 सितंबर, 1766 - 27 जुलाई, 1844) एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक थे। इन्होंने पदार्थ की रचना सम्बन्धी सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जो डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त (Dalton's atomic theory) के नाम से प्रचलित है।
जॉन डाल्टन (John Dalton) का जन्म सन् 1766 में इंग्लैंड के एक गरीब जुलाहा-परिवार में हुआ था। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपनी जीविका शुरू की। सात साल बाद वह एक स्कूल के प्रिंसिपल बन गए। सन् 1793 में जॉन कालेज में गणित, भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने वेफ लिए मैनचेस्टर चले गए। वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। सन 1803 में इन्होंने अपने परमाणु सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत साबित हुआ।
3. किसी परमाणु के बाह्यतम कक्षा में कितने इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं?
(A) 10
(B) 8
(C) 6
(D) 20
(B) 8
अतः विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन वितरण निम्नलिखित प्रकार से है –
(i) प्रथम (K) कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या = 2 x 1^2 = 2
द्वितीय (L) कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या = 2 x 2^2 = 8
तृतीय (M) कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या = 2 x 3^2 = 18
चतुर्थ (N) कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या = 2 x 4^2 = 32
(ii) सबसे बाहरी कक्षा में अधिक से अधिक 8 इलेक्ट्रॉन और उसके पहली वाली कक्षा में 18 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं।
(ii) यह आवश्यक नहीं है कि किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन संख्या 2n^2 के अनुसार पूरी हो जाये तभी अगली कक्षा में इलेक्ट्रॉन प्रवेश करें।
(iv) जब किसी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन पूरे हो जाते हैं तब अगली कक्षा में इलेक्ट्रॉन प्रवेश कर सकते हैं।
(v) सबसे बाहरी कक्षा में 2 इलेक्ट्रॉन और उससे अगली कक्षा में 9 इलेक्ट्रॉन से अधिक तब तक नहीं होंगे जब तक उसके पहली वाली कक्षा में नियमानुसार इलेक्ट्रॉन पूर्ण न हों।
4. सोडियम परमाणु में कोर इलेक्ट्रॉन की संख्या कितनी होती है?
(A) 9
(B) 8
(C) 11
(D) 10
(D) 10
सोडियम परमाणु (Na) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 11 है।
सोडियम आयन (Na+) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 10 है।
कोर इलेक्ट्रॉन वे इलेक्ट्रॉन होते हैं जो पूरी तरह से भरे हुए कोश में होते हैं । वैलेंस इलेक्ट्रॉन ऐसे इलेक्ट्रॉन होते हैं जो उन कोशों में मौजूद होते हैं जो पूरी तरह से भरे नहीं होते हैं।
5. परमाणु का द्रव्यमान किन मौलिक कणों पर निर्भर करता है?
(A) इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन
(B) इलेक्ट्रॉन व न्यूट्रॉन
(C) न्यूट्रॉन व प्रोटॉन
(D) प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन व न्यूट्रॉन
(C) न्यूट्रॉन व प्रोटॉन
परमाणु के द्रव्यमान का 99.94% से अधिक भाग नाभिक में होता है। नाभिक, नाभिकीय कणों प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते है। इस कण को नूक्लियान्स कहते है। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है।
परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रान का योगदान लगभग नगण्य होता है। सामान्यतः नाभिक की पहचान परमाणु संख्या Z (प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या N और द्रव्यमान संख्या A (प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है।
6. अनिश्चितता के सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया?
(A) हाइजेनबर्ग
(B) पाउली
(C) रदरफोर्ड
(D) ट्रेविरेनस
(A) हाइजेनबर्ग
अनिश्चितता सिद्धान्त (Uncertainty principle) की व्युत्पत्ति वर्नर हाइजेनबर्ग (Werner Heisenberg) ने क्वाण्टम यान्त्रिकी के व्यापक नियमों से फरवरी सन् 1927 ई. में दी थी। इस सिद्धान्त के अनुसार किसी गतिमान कण की स्थिति और संवेग को एक साथ एकदम ठीक - ठीक नहीं मापा जा सकता। यदि एक राशि अधिक शुद्धता से मापी जाएगी तो दूसरी के मापन में उतनी ही अशुद्धता बढ़ जाएगी, चाहे इसे मापने में कितनी ही कुशलता क्यों न बरती जाए। इन राशियों की अशुद्धियों का गुणनफल प्लांक नियतांक (h) से कम नहीं हो सकता।
7. नाभिक की खोज रदरफोर्ड ने किन कणों की सहायता से की?
(A) γ - कण
(B) β - कण
(C) X - कण
(D) α - कण
(D) α - कण
उन्होंने यह दर्शाने के लिए एक प्रयोग किया, जो निम्नानुसार है:
रदरफोर्ड ने सोने की 100 nm (100 नेनोमीटर) की पतली पन्नी पर अल्फा कणों की बौछार की। सोने की पन्नी के चारों ओर फोटोग्राफिक प्लेट लगाई जो प्रतिदीप्त पदार्थ (ZnS, जिंक सल्फाइड)से लेपित थी। जब उन्होने सोने की पन्नी पर अल्फा कणो की बौछार की तो निम्न परिणाम प्राप्त हुए-
1) अधिकांश अल्फा कण सोने की पन्नी से बिना विक्षेपित हुए निकल गए।
2) अल्फा कणो का कम अंश बहुत कम कोण से विक्षेपित हुआ।
3) बहुत ही थोड़े कण (1,00,000 में से 1) वापिस उसी पथ से लौट आए अर्थात 180० के कोण पर लौट आए।
8. किसी तत्व की रासायनिक प्रकृति किस पर निर्भर करते हैं?
(A) इलेक्ट्रॉन पर
(B) न्यूट्रॉन पर
(C) संयोजी इलेक्ट्रॉन पर
(D) प्रोटॉन पर
(C) संयोजी इलेक्ट्रॉन पर
तत्वों के रासायनिक गुण तत्व के इलेक्ट्रॉन विन्यास पर निर्भर करते हैं। जब परमाणु का ज्यादातर अधिकृत ऊर्जा स्तर इलेक्ट्रॉनों से भरा होता है, तो परमाणु स्थिर होता है और प्रतिक्रिया करने की संभावना नहीं होती है। तत्व के रासायनिक गुण रासायनिक संयोजन इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करते हैं।
9. किसी तत्व का रासायनिक गुण किस पर निर्भर करता है?
(A) परमाणु संख्या पर
(B) द्रव्यमान संख्या पर
(C) परमाणु द्रव्यमान भार पर
(D) परमाणु भार पर
(A) परमाणु संख्या पर
किसी तत्व के रासायनिक गुण उस तत्व की परमाणु संख्या पर निर्भर करते हैं। रासायनिक गुण इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उस तत्व के अणु की संयोजन क्षमता के विन्यास पर निर्भर करते हैं।
10. निम्नलिखित में से किसे विभाजित नहीं किया जा सकता है?
(A) धन आयन
(B) परमाणु
(C) नाभिक
(D) फोटॉन
(D) फोटॉन
(फोटोन) प्रकाश विद्युत प्रभाव की घटना प्रकाश के आइंस्टीन के क्वांटम सिद्धांत को प्रमाणित करती है। जिसके अनुसार प्रकाश किसी पदार्थ के साथ अन्योन्य क्रिया करता है तो ऊर्जा के बंडल अथवा पैकेट की भांति कार्य करता ऊर्जा के प्रत्येक पैकेट को फोटोन कहते हैं।
फोटोन को अन्य छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह प्रकृति में प्राथमिक कणों की तरह मूल कणों में माना जाता है। मैक्स प्लांक के क्वांटम सिद्धांत के अनुसार फोटोन ऊर्जा के छोटे छोटे पैकेट के रूप में गति करता है।
11. रेडियोसक्रियता की खोज सर्वप्रथम किस वैज्ञानिक ने की?
(A) हेनरी बेक्वेरल
(B) आइरीन क्यूरी
(C) मैडम क्यूरी
(D) इनमें से कोई नहीं
(A) हेनरी बेक्वेरल
रेडियोसक्रियता की खोज फ्राँस के वैज्ञानिक हेनरी बेक्वेरल ने 1896 में की थी। यदि यह क्रिया स्वतः होती है, तो इसे प्राकृतिक रेडियो सक्रियता कहते हैं, जबकि मनुष्य के द्वारा करा जाने पर कृत्रिम रेडियो सक्रिता कही जाती है। प्राकृतिक रेडियोसक्रियता मुख्यतः भारी नाभिकों से होती है।
12. रेडियोसक्रियता किसका गुण है?
(A) न्यूट्रॉन
(B) इलेक्ट्रॉन
(C) प्रोटॉन
(D) नाभिक
(D) नाभिक
रेडियोसक्रियता नाभिक का गुण है। रेडियोसक्रियता (रेडियोऐक्टिविटी / radioactivity) या रेडियोधर्मिता वह प्रकिया होती है जिसमें एक अस्थिर परमाणु अपने नाभिक (न्यूक्लियस) से आयनकारी विकिरण (ionizing radiation) के रूप में ऊर्जा फेंकता है। ऐसे पदार्थ जो स्वयं ही ऐसी ऊर्जा निकालते हों विकिरणशील या रेडियोधर्मी (रेडियोऐक्टिव) कहलाते हैं। यह विकिरण अल्फा कण (alpha particles), बीटा कण (beta particle), गामा किरण (gamma rays) और इलेक्ट्रॉनों के रूप में होती है।
13. रेडियोसक्रियता की इकाई क्या है?
(A) फर्मी
(B) क्यूरी
(C) केन्डेला
(D) इनमें से कोई नहीं
(B) क्यूरी
रेडियोएक्टिव पदार्थ की उस मात्रा को एक बैकुरल (मात्रक)कहा जाता है जो प्रति सेकण्ड एक विघटन या विकरण का उत्सर्जन करती है। 1975 ई. के पूर्व रेडियोएक्टिविटी की इकाई को क्यूरी कहा जाता था। किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ की वह मात्रा जो प्रति सेकेण्ड 3.70 x 10^10 विघटन करती है, जो क्यूरी कहलाती है।1908 में बैकेरल विज्ञान अकादमी के स्थायी सचिव चुने गए। रेडियोधर्मिता के लिए मानक इकाई, बैकेरल उनके नाम से है। चंद्रमा और मंगल ग्रह पर बैकेरल के नाम से एक गर्त है।
14. अल्फा और बीटा किरणों की खोज किसने की थी?
(A) विलार्ड
(B) डाल्टन
(C) फैराडे
(D) रदरफोर्ड
(D) रदरफोर्ड
1902 में वैज्ञानिक रदरफोर्ड ने रेडियोएक्टिव पदार्थ से निकलने वाली किरणों का अध्ययन किया।
शीशे के एक बर्तन में रेडियम का एक टुकड़ा रखा।इस टुकड़े से निकलने वाली किरणों का निरीक्षण किया।
जिसमे पाया कि अगर इन किरणों को चुम्बकीय क्षेत्र या वैद्युत क्षेत्र से गुजारा जाए तो किरणों में विक्षेपण होता है।
किरणें ऋणावेशित प्लेट की ओर विक्षेपित हो गयी अर्थात इनमें धनात्मक आवेश था इन किरणों को अल्फा किरण कहा गया।
तथा कुछ किरणें धनावेशित प्लेट की ओर विक्षेपित हो गयी अर्थात इनमें ऋणात्मक आवेश था इन किरणों को बीटा किरण कहा गया।
कुछ किरणें बिना विक्षेपित हुए सीधे निकल गयी अर्थात इनमें शून्य आवेश या उदासीन थी, इन किरणों को गामा किरण कहा गया।
15. एक्स किरणों की खोज किसने की थी?
(A) विल्हेल्म कोनराड रॉन्टजन
(B) न्यूटन
(C) रदरफोर्ड
(D) इनमें से कोई नहीं
(A) विल्हेल्म कोनराड रॉन्टजन
इनकी खोज जर्मनी के भौतिकशास्त्री विल्हेल्म कोनराड रॉन्टजन (Wilhelm Conrad Röntgen) ने सन् 1895 में 50 वर्ष की उम्र में की थी। 18वीं सदी के अंत तक वैज्ञानिकों को इन किरणों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी इसलिए इनका नामकरण 'एक्स रे' किया गया जिसका मतलब होता है 'अज्ञात किरणें'। रॉन्टजन के नाम इन किरणों को 'रॉन्टजन रेज' भी कहा जाता है।