Chemistry GK Quiz, Chemistry GK (general knowledge) multiple choice questions (MCQs) with answers in Hindi, Samanya gyan ke prashn (प्रश्नोत्तरी 07): अगर आप किसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो जनरल नॉलेज को अच्छी करना ( या अच्छी तरह से याद रखना ) बेहद जरूरी है । तो चलिए जानते हैं कौन-से सवाल जो आएंगे आपके काम –
सभी प्रश्नों के उत्तर याद करना सभी के लिए लगभग असंभव है, आज हम आपको बता रहे हैं उन सभी खास प्रश्नों को उनके उत्तर के साथ जो प्रतियोगी परिक्षाओं से लेकर जॉब इंटरव्यू में ज्यादातर पूछे जाते हैं । अगर आपको इन प्रश्नों के उत्तर पता हैं तो आपकी मुश्किलें हल हो जाएंगी ।
1. निम्नलिखित में से किस पदार्थ में ऑक्सीजन नहीं है?
(A) मिट्टी का तेल
(B) काँच
(C) रेत
(D) सीमेन्ट
(A) मिट्टी का तेल
केरोसीन (मिट्टी का तेल) एक तरल खनिज है जिसका मुख्य उपयोग दीप, स्टोव और ट्रैक्टरों में जलाने में होता है। केरोसीन (मिट्टी का तेल) में ऑक्सीजन अनुपस्थित होती है। पेट्रोलियम से प्राप्त एक दहनशील हाइड्रोकार्बन तरल मिट्टी का तेल है। केरोसीन (मिट्टी का तेल) व्यापक रूप से विमान (जेट ईंधन) और कुछ रॉकेट इंजनों के जेट इंजनों के लिए उपयोग किया जाता है और इसका उपयोग आमतौर पर खाना पकाने और प्रकाश ईंधन के रूप में, और पोई जैसे आग के खिलौने के लिए भी किया जाता है।
2. वायु क्या है?
(A) यौगिक
(B) मिश्रण
(C) द्रव
(D) विलयन
(B) मिश्रण
वायु से प्रत्येक व्यक्ति भली-भाँति परिचित है। भले ही वायु को हम देख नहीं सकते परन्तु प्रत्येक व्यक्ति वायु का अनुभव एवं सेवन करता रहता है। प्राणी-मात्र के जीवन का आधार वायु ही है। वायु के अभाव में किसी प्रकार के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अब प्रश्न उठता है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से वायु क्या है?
वायु गैसों का मिश्रण होती है। जिसमें नाइट्रोजन 78%, ऑक्सीजन 21%, ऑर्गन 0.9% और अन्य गैसे 0.1 प्रतिशत होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वायु गैसों के 100% मिश्रण से बनती है। जिसका कोई भी रंग नहीं होता और यह सभी दिशाओं में अपना प्रभाव डालती है। वायु फैल सकती है तथा संकुचित हो सकती है। इसमें विसरण का गुण भी पाया जाता है। वायु हमारी पृथ्वी के चारों ओर एक व्यापक क्षेत्र में हर समय रहती है। इस क्षेत्र को वायुमण्डल कहा जाता है।
3. स्टेनलेस स्टील क्या है?
(A) यौगिक
(B) तत्व
(C) ठोस
(D) मिश्रण
(D) मिश्रण
जंगरोधी इस्पात या स्टेनलेस स्टील एक इस्पात है। स्टेनलेस स्टीम में क्रोमियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यह सामान्यतया 10.5 प्रतिशत से अधिक होता है। इससे उच्च तापमान पर इसमें मजबूती बनी रहती है। जब भी स्टेनलेस स्टील को बनाया जाता हैं, तो उसमें क्रोमियम, नाइट्रोजन, मोलिब्डेनम और निकल को मिलाया जाता हैं। इससे एक परत स्टील पर बन जाती है, जो पारदर्शी होती है। इसकी वजह से यह जंग रोधी बन जाता है और कितने भी पानी के संपर्क में आ जाए यह वैसा का वैसा ही रहता है। स्टेनलेस स्टील, जिसे आईनॉक्स स्टील या आईनॉक्स के रूप में भी जाना जाता है।
4. निम्नलिखित में से कौन न तो तत्व है और न ही यौगिक?
(A) पारा
(B) जल
(C) वायु
(D) सोडियम क्लोराइड
(C) वायु
वायु न तो तत्व है और न ही यौगिक। वायु गैसों का मिश्रण होती है। जिसमें नाइट्रोजन 78%, ऑक्सीजन 21%, ऑर्गन 0.9% और अन्य गैसे 0.1 प्रतिशत होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वायु गैसों के 100% मिश्रण से बनती है। जिसका कोई भी रंग नहीं होता और यह सभी दिशाओं में अपना प्रभाव डालती है। वायु फैल सकती है तथा संकुचित हो सकती है। इसमें विसरण का गुण भी पाया जाता है।
5. पदार्थ की चतुर्थ अवस्था क्या कहलाती है?
(A) प्लाज्मा
(B) तरल
(C) गैस
(D) ठोस
(A) प्लाज्मा
सामान्यता पदार्थ के तीन अवस्थाएं ठोस द्रव और गैस है जबकि दो और भी अवस्थाएं हैं जिन्हें क्रमस: प्लाज्मा और बोस आइंस्टीन कन्डनसेट कहते है।
सामान्य परिभाषा के अनुसार,
1. ठोस – ठोस, पदार्थ की वह अवस्था है जिसमें उसका आयतन तथा आकार दोनों निश्चित होता है।
2. द्रव – द्रव अवस्था में कणों की गतिज ऊर्जा ठोस अवस्था की अपेक्षा कम होती है। द्रव अवस्था में कणों का कोई निश्चित व्यवस्थापन नहीं होता है फिर भी यह कण इतने समीप होते हैं कि इनका आयतन निश्चित होता है।
3. गैस – इसमें घटक कणों के मध्य आकर्षण बल कार्य नहीं करता है जिससे यह कण स्वतंत्र रूप से गति करने के लिए मुक्त होते हैं। इन के कणों में किसी भी स्थान को पूरी तरह से भरने की प्रवृत्ति होती है अतः इनका आकार एवं आयतन निश्चित नहीं होता है।
4. प्लाज्मा – प्लाज्मा एक गर्म आयनित गैस है जिसमें धनात्मक आयनों और ऋणात्मक आयनों की लगभग बराबर संख्या होती है। प्लाज्मा की विशेषताएं सामान्य गैसों से काफी अलग हैं इसलिए प्लाज्मा को पदार्थ की चौथी अवस्था माना जाता है। उदाहरण के लिए, क्योंकि प्लाज्मा विद्युत रूप से आवेशित कणों से बने होते हैं, इसलिए वे विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों से काफी प्रभावित होते हैं जबकि सामान्य गैस ऐसा नहीं करते हैं। प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता प्लाज्मा को विद्युत चालक बनाती है।
5. बोस आइंस्टीन कन्डनसेट – ब्रह्मांड में प्रत्येक कण को दो श्रेणियों में से एक में रखा जा सकता है – फर्मियन (fermions) और बोसोन्स (bosons)। आपके आस-पास के अधिकांश पदार्थों के लिए फर्मियन ज़िम्मेदार हैं, क्योंकि उनमें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन शामिल हैं। जब आप एक साथ कई फर्मियन मिलते हैं, तो वे एक बोसोन बन सकते हैं।
बोसॉन गैस को परम शून्य ताप के बहुत निकट तापमान तक ठण्डा किया जाता है जिससे संघनित होकर पदार्थ की एक नयी अवस्था प्राप्त होती है जिसे बोस आइंस्टीन कन्डनसेट कहते है इस प्रकार बोसॉन को परम शून्य ताप के आस पास के ताप तक ठंडा करके बोस आइंस्टीन कन्डनसेट प्राप्त किया जाता है।
6. निम्नलिखित में से कौन एक यौगिक है?
(A) पीतल
(B) स्टील
(C) रेत
(D) हीरा
(C) रेत
रेत यानी सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2) सिलिकॉन और ऑक्सीजन का एक यौगिक है। सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2), जिसे सिलिका के रूप में भी जाना जाता है, एक प्राकृतिक यौगिक है जो पृथ्वी की दो सबसे प्रचुर मात्रा में सामग्रियों से बना है: सिलिकॉन (Si) और ऑक्सीजन (O2)। सिलिकॉन डाइऑक्साइड को अक्सर क्वार्ट्ज के रूप में पहचाना जाता है।
7. विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder) क्या है?
(A) तत्व
(B) यौगिक
(C) मिश्रण
(D) विलयन
(B) यौगिक
विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder) कैल्शियम का प्रमुख यौगिक है, जिसका रासायनिक नाम कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड (Calcium Oxychloride) तथा सूत्र Ca(OCI)Cl या CaOCl2 होता है, जो क्लोरीन की तेज गंध वाला पीला-सफेद चूर्ण होता है। जब यह वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है, तो यह क्लोरीन और कैल्शियम कार्बोनेट देता है। विरंजक चूर्ण (CaOCl2) बुझे हुए चूने Ca(OH)2 और क्लोरीन (Cl2) के बीच अभिक्रिया से बनता है।
8. बारूद क्या होता है?
(A) यौगिक
(B) मिश्रण
(C) द्रव
(D) इनमें से कोई नहीं
(B) मिश्रण
बारूद एक विस्फोटक रासायनिक मिश्रण है। इसे गन पाउडर (gunpowder) या अपने काले रंग के कारण काला पाउडर (black powder) भी कहते हैं। बारूद गंधक, कोयला एवं शोरा (पोटैसिअम नाइट्रेट या साल्टपीटर) का मिश्रण होता है और यह मानव इतिहास का सर्वप्रथम निर्मित विस्फोटक था। बारूद का प्रयोग पटाखों एवं नोदक (प्रोपेलन्ट) के रूप में अग्निशस्त्रों (firearms) में किया जाता है। बारूद चिंगारी पाकर तेजी से जलता है जिससे भारी मात्रा में गैस एवं गरम ठोस पैदा होता है। आधुनिक काल में बारूद एक "कमजोर विस्फोटक" (low explosive) के रूप में जाना जाता है क्योंकि विस्फोट होने पर यह अपश्रव्य तरंगें (subsonic) पैदा करता है न कि पराश्रव्य तरंगें (supersonic)। इसलिये बारूद के जलने से उत्पन्न गैसे इतना ही दाब पैदा कर पाती हैं जो गोली को आगे फेंकने में सहायक होती है किन्तु बन्दूक की नली को क्षति नहीं पहुंचा पाती। किसी चट्टान के विध्वंस या किसी किले को तोडने के लिये बारूद का प्रयोग उपयुक्त नहीं होता बल्कि इनके लिये "टी एन टी" आदि अच्छे रहते हैं। वर्तमान समय में बारूद के मानक मिश्रण में ७५% शोरा, १५% कोमल लकड़ी का कोयला तथा १०% गंधक होता है। .
9. " विश्व का प्रत्येक पदार्थ अत्यंत सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है ", यह सर्वप्रथम किसने कहा?
(A) रदरफोर्ड
(B) डाल्टन
(C) कणाद
(D) इनमें से कोई नहीं
(C) कणाद
" विश्व का प्रत्येक पदार्थ अत्यंत सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है ", यह सर्वप्रथम महर्षि कणाद ने कहा। माना जाता है कि परमाणु तत्व का सूक्ष्म विचार सर्वप्रथम इन्होंने किया था इसलिए इन्ही के नाम पर परमाणु का एक नाम कण पड़ा। महर्षि कणाद कहना था की पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, दिक्, काल, मन और आत्मा इन्हें जानना चाहिए। इस परिधि में जड़-चेतन सारी प्रकृति व जीव आ जाते हैं।
10. कोयला क्या है?
(A) यौगिक
(B) मिश्रण
(C) तत्व
(D) ठोस
(D) ठोस
कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35% से 40% भाग कोयलें से प्राप्त होता हैं। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किए जाते हैं। ऊर्जा के अन्य स्रोतों में पेट्रोलियम तथा उसके उत्पाद का नाम सर्वोपरि है। विभिन्न प्रकार के कोयले में कार्बन की मात्रा अलग-अलग होती है। कोयले में मुख्यतः कार्बन तथा उसके यौगिक रहते है। कार्बन तथा हाइड्रोजन के अतिरिक्त नाईट्रोजन, ऑक्सीजन तथा गंधक (Sulphur) भी रहते हैं। इसके अतिरिक्त फॉस्फोरस तथा कुछ अकार्बनिक द्रव्य भी पाया जाता है।
11. हीरा क्या है?
(A) यौगिक
(B) मिश्रण
(C) ठोस
(D) तत्व
(D) तत्व
जी हां, हीरा एक तत्व है और साथ ही यह अधातु भी है। आइए इसका कारण देखते हैं।
हीरा भी एक तत्व ही है। क्यों? हीरा वास्तव में कार्बन का अपररुप है अर्थात कार्बन का ही एक दूसरा रूप है। अगर आप हीरा को विभाजित करते जाएंगे तो आपको सिर्फ कार्बन के ही परमाणु मिलेंगे। यही गुणधर्म इसे तत्व बनाता है।
साथ ही हीरा अधातु भी है। इसका कारण क्या है? हीरे में ऐसे बहुत से गुणधर्म पाए जाते हैं जो अधातुओं से मिलते हैं। हीरा कार्बन का ही एक रूप है और कार्बन स्वयं एक अधातु है। हीरा में कार्बन का एक परमाणु अपने चारों ओर चार अन्य परमाणुओं के साथ सहसंयोजक आबंध बनाता है। आबंध बनाने वाले सभी परमाणु आपस में काफी मजबूती से जुड़े होते हैं। इसका कारण हीरा बहुत कठोर होता है। सहसंयोजक आबंध बनने के कारण हीरा में कोई भी इलेक्ट्रॉन अपने परमाणु से स्वतंत्र नहीं होता और इस कारण हीरा विद्युत का कुचालक होता है। ये सभी अधातुओं के ही गुण हैं।
12. निम्नलिखित में से रासायनिक यौगिक कौन सा है?
(A) अमोनिया
(B) वायु
(C) पारा
(D) ये सभी
(A) अमोनिया
सही उत्तर अमोनिया है। अमोनिया नाइट्रोजन और हाइड्रोजन का एक यौगिक है जिसका सूत्र NH3 है। एक स्थिर बाइनरी हाइड्राइड और सबसे सरल पिनिक्टोजन हाइड्राइड, अमोनिया एक रंगहीन गैस है जिसमें एक तीखी गंध होती है।
13. शुद्ध तत्व कौन-सा है?
(A) काँच
(B) सीमेंट
(C) सोडियम
(D) इनमें से कोई नहीं
(C) सोडियम
सोडियम (Sodium), रासायनिक फार्मूला Na और परमाणु संख्या 11 के साथ एक शुद्ध रासायनिक तत्व है। यह एक मुलायम, चांदी जैसा सफेद, अत्यधिक प्रतिक्रियाशील धातु है। इसे चाकू से भी आसानी से काटा जा सकता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 0.97 होता है। पानी से हल्का होने के कारण यह पानी पर तैर सकता है।
14. किस वैज्ञानिक ने 'परमाणु सिद्धांत' की खोज की?
(A) जॉन डाल्टन
(B) मैडम क्यूरी
(C) रदरफोर्ड
(D) इनमें से कोई नहीं
(A) जॉन डाल्टन
वैज्ञानिक तौर पर माना जाता है कि ब्रिटिश केमिस्ट जॉन डाल्टन ने 1803 में परमाणु की खोज की थी। सन् 1808 में जॉन जॉन डाल्टन नामक एक ब्रिटिश स्कूल अध्यापक ने पहली बार द्रव्य का परमाणु सिद्धान्त प्रस्तुत किया। इसमें परमाणु को पदार्थ का मूल कण माना। इसे डॉल्टन का परमाणु सिद्धान्त कहा जाता हैं। अंग्रेज रसायनज्ञ, जॉन डाल्टन ने सन् 1808 में द्रव्यों की प्रकृति के बारे में एक आधारभूत सिद्धांत प्रस्तुत किया।
15. निम्नलिखित में से कौन एक अस्थायी कण है?
(A) न्यूट्रॉन
(B) इलेक्ट्रॉन
(C) प्रोटॉन
(D) ये सभी
(A) न्यूट्रॉन
न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। इसे n से दर्शाया जाता है।
न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण है जो की सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं। न्यूट्रॉन एक विद्युत उदासीन कण है जिसका द्रव्यमान 1.67493 × 10−27 kg होता है, जो कि इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान से 1,839 गुना ज्यादा है। न्यूट्रॉन पूर्ण रूप से एक मूलभूत कण नही है बल्कि यह और भी छोटे अस्थाई सूक्ष्म कणों से मिलकर बना रहता है जिन्हे क्वॉर्क कहते हैं। न्यूट्रॉन तीन क्वॉर्क से मिलकर बना होता है, जिसमे दो डाउन क्वॉर्क होते हैं तथा एक अप क्वॉर्क होता हैं।