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Physics GK Quiz | MCQs on General Knowledge | Samanya gyan ke prashn (प्रश्नोत्तरी 10)

Physics ke samanya gyan ke prashn 10

Physics GK Quiz, Physics GK (general knowledge) multiple choice questions (MCQs) with answers in Hindi, Samanya gyan ke prashn (प्रश्नोत्तरी 10): अगर आप किसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो जनरल नॉलेज को अच्छी करना ( या अच्छी तरह से याद रखना ) बेहद जरूरी है । तो चलिए जानते हैं कौन-से सवाल जो आएंगे आपके काम – 


सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर याद करना सभी के लिए लगभग असंभव है, आज हम आपको बता रहे हैं उन सभी खास प्रश्‍नों को उनके उत्‍तर के साथ जो प्रतियोगी परिक्षाओं से लेकर जॉब इंटरव्‍यू में ज्‍यादातर पूछे जाते हैं । अगर आपको इन प्रश्‍नों के उत्‍तर पता हैं तो आपकी मुश्‍किलें हल हो जाएंगी ।
 

1. प्रकाश की गति किसके बीच से जाते हुए न्यूनतम होती है?

(A) वायु

(B) जल

(C) काँच

(D) निर्वात

(C) काँच

प्रकाश की गति इस प्रकार ठोस में न्यूनतम होती है क्योंकि वे सघन होते हैं और निर्वात में अधिकतम होगी क्योंकि निर्वात सबसे कम सघन माध्यम होता है। प्रश्न में दिए गए चार विकल्पों में - वायु, काँच, निर्वात और जल, सघन माध्यम काँच है क्योंकि यह ठोस है, इसलिए इसमें प्रकाश की गति न्यूनतम होगी।

2. किसी तारे के रंग से तारे का क्या पता चलता है?

(A) तारे का दुरी

(B) तारे का ताप

(C) तारे का भार

(D) तारे का आकार

(B) तारे का ताप

खगोलशास्त्र में किसी तारे के रंग और उसके तापमाप में गहरा सम्बन्ध होता है, इसलिए उसमें किसी तारे के रंग सूचक से उसके तापमान का पता चलता है। इनके आधार पर U–B, B–V और V–R जसी रंग सूचक परिभाषित हैं। तारे के लिए रंग सूचक जितना छोटा हो, तारा उतना ही नीला और उतना ही अधिक गर्म होता है।

3. निम्नलिखित तिथियों में से किसमें दोपहर को आपकी छाया सबसे छोटी होती है?

(A) 12 अप्रैल

(B) 2 मार्च

(C) 18 मार्च

(D) 21 जून

(D) 21 जून

क्योंकि 21 जून को सूर्य सीधे पृथ्वी पर अपनी किरणें आपतित करता है। जिससे आपतन कोण 90º का बनता है। प्रकाश के परावर्तन के नियम के अनुसार, आपतन कोण = परावर्तन कोण। इस प्रकार किरण 90º से आपतित होगी और 90º पर ही परावर्तित होगी। एक समय ऐसा होगा जब छाया शून्य के सन्निकट होगी।

4. पीले रंग का पूरक रंग कौन सा है?

(A) नारंगी

(B) लाल

(C) नीला

(D) हरा

(C) नीला

पूरक रंग की परिभाषा (Complementary Color Definition) : 

जिन रंगों को मिलाने से हमें सफेद रंग प्राप्त हो जाता है उसे पूरक रंग कहते हैं। 

यदि दो रंग को एक साथ मिला देने से जब श्वेत प्रकाश का रंग प्राप्त होता है तो उन दोनों रंगों को एक दूसरे का पूरक रंग कहा जाता है। 

एक प्राथमिक रंग और एक द्वितीयक रंग को मिलाने पर जब श्वेत रंग का प्रकाश प्राप्त होता है तो उन दोनों को एक दूसरे का पूरक रंग कहते हैं। 

पूरक रंगों के नाम (Complementary Color Name) : 

हरा + मजेंटा 

पीला + नीला 

लाल + सियान

5. पानी के ऊपर तेल परत का चमकना किसका उदाहरण है?

(A) व्यतिकरण का

(B) प्रकीर्णन का

(C) अपवर्तन का

(D) इनमें से कोई नहीं

(A) व्यतिकरण का

जब समान आव्रत्ति की दो प्रकाश तरंगे किसी माध्यम में एक ही दिशा में गमन करती हैं तो उनके अध्यारोपण के फलस्वरूप प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन हो जाता है, इस घटना को प्रकाश का व्यतिकरण कहते हैं। 

वर्षा ऋतु में विभिन्न मोटर वाहनों से टपकी तेल की बूंदें सड़क पर पतली फिल्म के रूप में बिखर जाती है। सूर्य के प्रकाश में यह फिल्म विभिन्न रंगों की दिखाई देती है। इसी तरह जल की सतह पर तेल की बूंदों से बनी पतली फिल्म भी रंगीन दिखाई देती है। साबुन के रंगहीन बुलबुले भी सूर्य के प्रकाश में रंगीन देखाई देते हैं। इन सबका कारण प्रकाश का व्यतिकरण ही तो है।

6. तरण ताल वास्तविक गहराई से कम गहरा दिखाई देता है इसका क्या कारण है?

(A) प्रकीर्णन

(B) व्यतिकरण

(C) अपवर्तन

(D) प्रकाश

(C) अपवर्तन

प्रकाश के अपवर्तन के सिद्धांत के कारण तरण ताल (Swimming pool) अपनी वास्तविक गहराई से कम गहरा प्रतीत होता है। तरण ताल के तल से आने वाली प्रकाश की किरणें सघन माध्यम (जल) से विरल माध्यम (वायु) की ओर जाने पर अपवर्तित होकर लंब से दूर हट जाती हैं।

7. बाह्य अंतरिक्ष में किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश कैसा दिखाई देता है?

(A) काला

(B) लाल

(C) सफेद

(D) नीला

(A) काला

क्योंकि अंतरिक्ष में कोई कण नहीं होता है, कोई प्रकीर्णित प्रकाश नहीं होता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री तक कोई प्रकाश नहीं पहुंचेगा, और अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देगा। इससे ये बात स्पष्ट होती है कि नीला आसमान दिखने के लिए वायुमंडल की उपस्थिति आवश्यक है। 

अंतरिक्ष यात्री आकाश में उस ऊँचाई पर होते हैं जहां वायुमंडल नहीं होता और न ही वहाँ कोई प्रकीर्णन हो पाता है इसलिए उन्हें आकाश नीला नहीं बल्कि काला प्रतीत होता है।

8. अबिन्दुकता (Astigmatism) का दोष दूर करने के लिए निम्नलिखित में से किस लेंस का प्रयोग करना चाहिए?

(A) अवतल लेंस

(B) उत्तल लेंस

(C) बेलनाकार लेंस

(D) द्विफोकसी लेंस

(C) बेलनाकार लेंस

अबिंदुकता या (Astigmatism) वर्तन की ऐसी अवस्था है, जिसमें दृष्टिपटल पर प्रकाश का बिंदु-फोकस नहीं बन पाता। सिद्धांतत: कोई आँख बिंदवीय (stigmatic) नहीं होती। वक्रता की त्रुटि, संकेंद्रण (centering) या वर्तनांक की त्रुटि के कारण अबिंदुकता हो सकती है। 

अबिन्दुकता (Astigmatism) के निवारण हेतु बेलनाकार लेंस का प्रयोग किया जाता है जबकि निकट दृष्टि दोष हेतु अवतल लेंस व दूर दृष्टिदोष हेतु उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है।

9. प्रिज्म से गुजरने पर प्रकाश का कौन सा रंग सबसे अधिक अपवर्तित होता है?

(A) हरा

(B) बैंगनी

(C) लाल

(D) नारंगी

(B) बैंगनी

जब सफेद प्रकाश का वर्ण विक्षेपण एक प्रिज्म के माध्यम से होता है, तो अधिकतम विचलन बैंगनी रंग का और न्यूनतम विचलन लाल रंग का होता है। 

सही उत्तर बैगनी है। जब प्रकाश को एक प्रिज्म के माध्यम से फैलाया जाता है तो बैगनी रंग अधिकतम विचलन दर्शाता है। बैगनी प्रकाश में, माध्यम से यात्रा करते समय अधिकतम अपवर्तक सूचकांक और सबसे कम गति होती है। इसकी सबसे छोटी तरंग दैर्ध्य के कारण, यह आपतन पर सबसे अधिक झुकता है और अधिकतम विचलन होता है।

10. वस्तुओं का आवेशन किसके स्थानान्तरण के फलस्वरूप होता है?

(A) न्यूट्रॉन

(B) प्रोटॉन

(C) इलेक्ट्रॉन

(D) पोजिट्रॉन

(C) इलेक्ट्रॉन

वस्तु का आवेशन : जब किसी वस्तु के परमाणुओं में इलेक्ट्रोनों की संख्या प्रोटोनों की संख्या से भिन्न हो जाती है तो वह आवेशित हो जाती है। इलेक्ट्रॉनो की कमी हो जाने पर वस्तु धनावेशित और इलेक्ट्रॉनो की अधिकता होने पर वस्तु ऋण आवेशित हो जाती है। इलेक्ट्रॉन के आवेश के परिमाण को मूल आवेश कहते है। 

मूल आवेश e = 1.6 * 10^-19 कुलाम

11. शुष्क सेल कितने प्रकार के होते हैं?

(A) दो प्रकार

(B) तीन प्रकार

(C) चार प्रकार

(D) इनमें से कोई नहीं

(A) दो प्रकार

शुष्क सेल (dry cell) एक प्रकार के विद्युतरासायनिक सेल है जो कम बिजली से चल सकने वाले पोर्टेबल विद्युत-युक्तियों (जैसे ट्रांजिस्टर रेडियो, टार्च, कैलकुलेटर आदि) में प्रयुक्त होते हैं। 

शुष्क सेल के प्रकार --- 

प्राथमिक शुष्क सेल - जिन्हें डिचार्ज होने के बाद पुनः चार्ज नहीं किया जा सकता जिंक-कार्बन सेल (इन्हें 'लेक्लांची सेल' भी कहते हैं।) अल्कलाइन सेल लिथियम सेल मर्करी सेल ... 

द्वितीयक शुष्क सेल - जिन्हें डिचार्ज होने के बाद पुनः चार्ज किया जा सकता है। निकल-कैडमियम सेल लिथियम आयन सेल निकल-मेटल आक्साइड सेल

12. शुष्क सेल क्या है?

(A) प्राथमिक सेल

(B) द्वितीयक सेल

(C) तृतीयक सेल

(D) इनमें से कोई नहीं

(A) प्राथमिक सेल

शुष्क सेल (dry cell) एक प्रकार के विद्युतरासायनिक सेल है जो कम बिजली से चल सकने वाले पोर्टेबल विद्युत-युक्तियों (जैसे ट्रांजिस्टर रेडियो, टार्च, कैलकुलेटर आदि) में प्रयुक्त होते हैं। 

प्राथमिक सेल (primary cell) वे सेल हैं जिनकी डिजाइन ऐसी होती है कि उन्हें प्रयोग करने के बाद पुनः आवेशित नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिये शुष्क सेल एक प्रकार का प्राथमिक सेल है।

13. तड़ित चालक का आविष्कार किसने किया?

(A) लॉर्ड लिस्टर

(B) बेंजामिन फ्रेंकलिन

(C) ग्राहम बेल

(D) इनमें से कोई नहीं

(B) बेंजामिन फ्रेंकलिन

तड़ित चालक (Lightening rod or lightening conductor) एक धातु की चालक छड़ होती है, जिसे ऊँचे भवनों की छत पर आकाशीय विद्युत से रक्षा के लिये लगाया जाता है। तड़ित चालक का उपरी सिरा नुकीला होता है और इसे भवनों के सबसे ऊपरी हिस्से में जड़ दिया जाता है। 

विद्युत के चालक या तड़ित चालक का अविष्कार 1749 में पेंसिल्वेनिया में बेंजामिन फ्रैंकलिन द्वारा किया गया था।

14. विद्युत उत्पन्न करने के लिए कौन-सी धातु का उपयोग होता है?

(A) लोहा

(B) यूरेनियम

(C) ताँबा

(D) ये सभी

(B) यूरेनियम

विद्युत उत्पन्न करने में यूरेनियम धातु का उपयोग किया जाता है। यूरेनियम का प्रयोग परमाणु ऊर्जा रिएक्टर में किया जाता है। 

यूरेनियम का उपयोग अब वाणिज्यिक परमाणु रिएक्टरों को बिजली देने के लिए किया जाता है जो बिजली का उत्पादन करते हैं और दुनिया भर में चिकित्सा, औद्योगिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले आइसोटोप का उत्पादन करते हैं।

15. विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में किस उपकरण से बदलते हैं?

(A) डायनेमो

(B) विद्युत मोटर

(C) ट्रान्सफॉर्मर

(D) इनमें से कोई नहीं

(B) विद्युत मोटर

विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में विद्युत मोटर के द्वारा बदला जाता है। जब आप मोटर को विद्युत सप्लाई से जोड़ते हैं तो इसमें विद्युत धारा का प्रवाह होता है। विद्युत धारा के इस प्रवाह के कारण मोटर के अंदर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र मोटर के घूमने वाले भाग अर्थात रोटर या आर्मेचर पर बल लगाता है और मोटर घूमने लगता है।

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